अगर आप बांसुरी बजाते है तो बांसुरी का स्केल होगा :- C#
मेरी बेचैनियों को
ग—रे–सा–सा–प़–ध़–प़—
चैन मिल जाए
ग—रे–सा— म—ग–रे—ध़—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
मेरे दीवानेपन को
ग—रे–सा–सा–प़–ध़–प़—
सब्र मिल जाए
ग—रे–सा— म—ग–रे—ध़—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
ज़िक्र तुम्हारा जब जब होता है
सा–ऩि–सा–ऩि—ऩि—ऩि–ध़–ऩि–ध़–प़–ऩि–ध़—
देखो न आँखों से भीगा भीगा प्यार
प़–प़–प़–ध़—ध़—प़–रे–रे–रे–रे–सा–ध़—
बह जाता है
म–ग–सा–रे–सा—
मेरी तन्हाइयों को
ग—रे–सा–सा–प़–ध़–प़—
नूर मिल जाए
ग—रे–सा— म—ग–रे—ध़—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
मैं रात दिन ये दुआ करूँ
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा—ऩि–सा–ऩि–रे–सा—
तेरे लिए मैं जिऊँ मरूँ
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा—ऩि–सा–रे–ग—
चारों पहर तुझे देखा करूँ
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा–सा–ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा–सा–
मेरा जहाँ ये तुझपे फ़ना करूँ
ऩि–सा–ऩि–रे–सा–सा–सा—ऩि–सा–रे–ग—
ज़िक्र तुम्हारा जब जब होता है
सा–ऩि–सा–ऩि—ऩि—ऩि–ध़–ऩि–ध़–प़–ऩि–ध़—
देखो न होंठों पे तेरा एहसास
प़–प़–प़–ध़—ध़—प़–रे–रे–रे–रे–सा–ध़—
रह जाता है
म–ग–सा–रे–सा—
मेरे हर रस्ते को
ग—रे–सा–सा–प़–ध़–प़—
मंज़िल मिल जाए
ग—रे–सा— म—ग–रे—ध़—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
बेरंग हवाएँ मुझे न जाने
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा—ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा–
दे गई सदा क्यूँ अभी अभी
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा—ऩि–सा–रे–ग—
है सरफरोशी ये आशिकी भी
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा—ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा–
जाएगी जान मेरी इसमें कभी
ऩि–सा–ऩि–रे–सा—सा–सा–ऩि–सा–रे–ग—
ज़िक्र तुम्हारा जब जब होता है
सा–ऩि–सा–ऩि—ऩि—ऩि–ध़–ऩि–ध़–प़–ऩि–ध़—
देखो न हर लम्हा तेरी दास्तान
प़–प़–प़–ध़—ध़—प़–रे–रे–रे–रे–सा–ध़—
कह जाता है
म–ग–सा–रे–सा—
मेरी हर एक तड़प को
ग—रे–सा–सा–प़–ध़–प़—
सुकून मिल जाए
ग–ग–रे–सा— म—ग–रे—ध़—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—
तेरा चेहरा
ध़—ऩि— ध़–ध़–ऩि—
जब नज़र आए
सा—रे–ग–रे–रे–सा–सा—

